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Lipika Bhatti

Drama Tragedy Inspirational

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Lipika Bhatti

Drama Tragedy Inspirational

जिंदगी की अनिश्चितताएं

जिंदगी की अनिश्चितताएं

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कॉलेज का आखिरी साल था। दिन रात घर पर जिया को शादी के लिए देखने आने वालों का तांता लगा हुआ था। जिया को यह सब पसंद नहीं था। रोज जिया और उसकी मां के बीच उसकी शादी को लेकर कुछ ना कुछ कहासुनी हो जाती, जिससे जिया का मूड अपसेट हो जाता था।

जिया के पापा को बखूबी अपनी गुड़िया का दिल जीतना आता था वह उसे किसी ना किसी बहाने अपने साथ मार्केट ले जाते और उसकी पसंदीदा केसर कुल्फी दिला देते थे,जिससे उसका मूड एकदम खुश हो जाता था। जिया के पापा उसके पापा कम और दोस्त अधिक थे। वह उनसे अपने दिल की हर बात करके अपना दिल हल्का कर लेती थी।

जिया की कॉलेज की पढ़ाई भी उसके पापा की वजह से ही पूरी हो सकी। उसकी मां का बस चलता तो 18 साल की होते ही उसकी शादी करा देती।

जिया की मां कभी सत्संग, कभी कीर्तन ,कभी माता की चौकी या फिर कभी किट्टी पार्टी के बहाने जिया को अपने साथ ले जाया करती थी। ऐसा करने के पीछे उनका केवल एक ही मकसद था, कि शायद जिया की बात कही बन जाए।

एक दिन जिया की मां की बात माता ने सुन ली और जिया को उनकी पड़ोसन के बुआ के लड़के ने पसंद कर लिया ।

जिया अभी और पढ़ना चाहती थी वह जिंदगी में अभी बहुत कुछ पाना चाहती थी और शादी के बाद यह सब असंभव था ,वह यह भली-भांति जानती थी। क्योंकि उसकी मां का सपना भी कुछ ऐसा ही था ,जो कि शादी के बाद बच्चों की परवरिश में कहीं पीछे छूट गया।

पहले तो घर में बहुत रोना- धोना हुआ। जिया अपनी मां के आगे बहुत गिड़गिड़ाई और अपने पिताजी से भी मदद मांगी।

उसके पिताजी ने जिया की मां को समझाने की लाख कोशिश करी , किंतु उनकी एक ना चली। ना कहने की कोई वजह भी ना थी। लड़का बहुत सुंदर, सुशील पढ़ा-लिखा और वेल सेटल्ड था।

उसकी मां का तो मानो सपना ही पूरा हो गया था। आहान अपनी माता-पिता की इकलौती संतान था। आहान के साथ जिया का जीवन बहुत सुरक्षित और खुशहाल रहेगा, यह सोचकर अहान की मां बहुत खुश थी।

६ महीने के अंदर की जिया की शादी आसान से हो गई। पहले २ महीने जिया अहान से कुछ खींची खींची सी रही। अहान बहुत ही स्वतंत्र विचारों वाला था । वह कभी कोई रोक-टोक नहीं करता था।

धीरे-धीरे जिया भी अहान को पसंद करने लगी। सब कुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था। वह अपने पति के साथ खुश थी। उसने भी अपनी मां की तरहां ही अपने पैरों पर खड़े होने की इच्छा को दबा दिया था। तभी पूरे विश्व में भयंकर करोना नाम की महामारी फैल गई।

लॉक डाउन लग गया। लोगों का घर से बाहर निकलना बंद हो गया। सारे काम धंधे चौपट हो गए। कई महीने इसी तरीके से बीत गए। अहान का फूड रेस्टोरेंट का काम बिल्कुल बंद हो गया। लोग बाहर का खाना क्या, पानी पीने से भी डर रहे थे। जिया के घर में तो एक-एक दाना गिना जा रहा था। बहुत ही बुरा हाल था।

अयान को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। परेशानी का बोझ इतना बढ़ गया कि एक दिन उनको पैरालिसिस का अटैक आ गया और उसका पूरे शरीर को लकवा मार गया।

आहान की दशा देख ,जिया मन ही मन घुट रही थी। पर जिया हार मानने वालों में से नहीं थी। उसने सोचा की, वह ऑनलाइन ट्यूशन पढ़ा सकती है। उसका हमेशा से ही सपना था कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके।

जिया ने ऑनलाइन शिक्षा केंद्र चालू किया जिससे कि उनके हालात धीरे-धीरे बेहतर होने लगे।

जब जिया की मां को यह सब पता लगा तो उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि जिया ने बुरे वक्त में किस प्रकार आहान का साथ निभाया।

दूसरी तरफ उनके दिल में यह दुख भी था कि उन्होंने जिया की इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी कर दी, क्योंकि वह आयान का रेस्टोरेंट का काम देख कर निश्चित थी ,कि उनकी बेटी को कभी कोई तकलीफ नहीं होगी और वह रानी की तरह राज करेगी।लेकिन वह यह भूल गई थी कि जिंदगी बहुत ही अनिश्चित होती है। वह कब कौन सा रंग दिखाएगी यह कोई नहीं जानता!

वह यह सोच सोच कर ही दुखी मन हो रही थी कि काश उन्होंने जिया को कुछ साल और पढ़ने दिया होता तो शायद आज उसके यह हालात नहीं होते। शायद वह किसी अच्छी कंपनी में जॉब कर रही होती और अपने परिवार को बेहतर ढंग से संभाल पाती।


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