चलो चलते हैं आज चाँद पर
चलो चलते हैं आज चाँद पर
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चलो चलते हैं आज चाँद पर ,
चलके करेंगे थोड़ी मीठी बातें ,
हजारों सपने जो देखे थे हमने ,
उन सपनो से करेंगे पूरी रातें |
आज रात चाँद भी है उन्माद में ,
हमारा जोश भी कुछ कम नहीं ,
कितना अच्छा हो जो हम दोनो ,
चाँद पर ही सो जायें कहीं |
जब दिल करेगा तब मचल उठेंगे ,
फिर गोल घूम एक दूसरे को पकड़ेंगे ,
वो चांदनी रात कितनी हसीन होगी ,
जब बाहों में हम कसके जकड़ेंगे |
वहाँ धरा की तरह कोई शोर ना होगा ,
चाँद पर चाँद जैसा ही चेहरा होगा ,
उस सफेद रोशनी में जब लब हिलेंगे ,
चूम उन्हे तब दोनो के दिल खिलेंगे |
सच कहूँ तो वहाँ से कभी वापस ना लौटूँ ,
चाँद पर ही तुझसे सारी खुशियाँ बाटूँ ,
चाँद से बेहतर प्रेम के लिए कोई जगह न होगी ,
बस मैं , मेरा चाँद और बगल में महबूबा होगी ||