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Dr Reshma Bansode

Romance

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Dr Reshma Bansode

Romance

तुम्हारा एहसास

तुम्हारा एहसास

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अब मैं वहा नहीं देखती

जहा पर तुम्हारे एहसास अब भी कायम है,

कुछ तो पल बैठे थे तुम वहां पर

कायम कब थे तुम ?

नुक्कड़ पर की दुकान या सड़क किनारे अपनी दुनिया में मैं मशगूल,

मुझे बेचैन करना खूब जानते थे तुम।

पर अब मैं वहा नहीं देखती जहां कभी गुजारे थे कुछ पल ,

कोई एहसास भी तो कायम नही होता 

जहन में जैसे बैठे हुए हो तुम।


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