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Dr Reshma Bansode

Inspirational

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Dr Reshma Bansode

Inspirational

सफलता

सफलता

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ऊंचाई शिखर की हमेशा पुकारती रही,

अपने पास आने को सदा ललचाती रही ।

उस मंजर तक पहुंचना मानो जैसा एक जुनून था,

हासिल होगा वह एक दिन तब ही दिल को सुकून था ।


सामना मुश्किलों से होगा ,

यह जानता था मैं।

हर इंतिहा से गुजरने को ,

तैयार था मैं ।


हौसला बुलंद था ,

राहें भी मुश्किल ,

शिखर मुझे पुकार कर आवाज दे रहा था ।


चल पड़ा मैं फिर ,

उस अनजान सफर पर ,

गिरता कभी, भटकता कभी संभल जाता मगर मैं ।


आंधी तूफानों ने भी कई बार रास्ता रोका,

रुक जाता फिर मैं पल भर को उन्हें थम जाने देता ।


मेरी हौसले देखकर वह भी रास्ता दिखाते मुझे,

कठिन परिस्थिति ही चलना सिखाती है मुझे ।


कभी रुकता, कभी चलता ,

लेकिन हार नहीं मानता मैं ,

अपनी सफलता की ओर कदम बढ़ाता रहता में ।


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