विवाह
विवाह
विवाह यह शब्द ही है बहुत बड़ा,
लेकिन मेरी दुनिया में इसका तात्पर्य है एक घर ।
छोटा सा घर ,
जिसकी नीव है एक बंधन,
एक घर जो बन गया एक बंधन से ।
क्या-क्या हो इस घर में ,
विवाह यह शब्द ही है बहुत बड़ा, लेकिन मेरी दुनिया में इसका तात्पर्य है एक घर ।
एक ऐसी जगह जहां हर एक रिश्ता है ,
माता-पिता, भाई-बहन सभी कुछ है यहा,
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर।
क्या कुछ नहीं है यहां,
खुशियां है, दुख भी है ।
कुछ खट्टी मीठी तकरारे भी है । थोड़ी नोकझोंक ,थोड़ी डांट फटकार ।
एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है घर ।
एक ऐसी जगह जहां हो बहुत सारे कमरे
हर कमरे में है एक अलग लाड दुलार ।
और हर कमरे की है अपने-अपने अलग खट्टी मीठी तकरार ।
विवाह एक बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर ।
एक ऐसी जगह जहां खुलकर जी सकती हो,
एक ऐसी जगह जहां सब कुछ कर सकती हो ,
एक ऐसी जगह जहां दिल खोलने में कोई झिझक न हो ।
एक ऐसी हथेली जिस पर दिल खोल कर रख सकू।
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर ।
हर किसी का रोज का अपना अपना टाइम टेबल।
हर कोई दौड़ता घड़ी की सुई की नोक पर ।
दिन ढलते ही हर कोई लौट आता,
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर ।
दिनभर की उथल-पुथल ,भागा दौड़ी और थकान,
सभी कुछ मिट जाता है जब लौट आते हैं कदम ।
विवाह एक बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर ।
सभी को जोड़ा है सभी के साथ, थोड़ा आगे पीछे कभी ऊपर नीचे की तकरार ।
चाहे कुछ भी हो पर बंधन कभी न टूटे।
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है एक घर ।
आजाद तो हर कोई है जीने को अपनी शर्तों पर ,
हर कोई वही करता है जो उसे करना है ,
ना कोई बंधन ना कोई रोक टोक। फिर भी दिन ढलते ही हर कोई एक ही छत के तले ।
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है घर।
मुसीबतें आए या खुशियां सभी कुछ एक साथ ,
नहीं छोड़ेंगे कभी एक दूसरे का हाथ ।
विवाह एक ऐसा बंधन जिसका तात्पर्य है घर।
