STORYMIRROR

Rakhi Tandon

Romance

4  

Rakhi Tandon

Romance

प्रेम का नशा

प्रेम का नशा

1 min
234

प्रेम का नशा ऐसा चढ़ा है मुझे

चेहरा मेरा गुलाल सा हो गया

तेरी बातों का सुरूर ऐसा चढ़ा मुझे

दीवानों सा मेरा हाल हो गया


बंद आंखों में  तुम दिखने लगे मुझे

तुम्हें पाना  एक खयाल सा हो गया

अपने बांहों का सहारा दे दो मुझे

तुम्हारे होने पर सवाल सा हो गया 


क्यों इतना तुम सताने लगे हो मुझे

लगता कहीं के कोतवाल हो गए हो

मिलन की जल्दी है देखो बहुत मुझे

तुम्हारे इंतजार में बेहाल से हो गए है


तुम्हारे आने का खत  मिला है मुझे

मन मेरा उड़ता रुमाल सा हो गया

अब  आ भी जाओ सीने से लगा लो मुझे

कि तुम मेरी रुह के लिए कमाल से हो गए


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance