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Rakhi Tandon

Abstract

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Rakhi Tandon

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एक बार फिर

एक बार फिर

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ज़िंदगी के इन बिखरे पन्नो को

 समेट लेना तुम एक बार आकर

तुम्हारे अंदाज़ में वो कशिश 

नज़रंदाज़ करना जिसे मुश्किल है


अपनी उसी खिलखिलाती हंसी से

मेरे दामन को संवार देना तुम आकर

बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते

यूं दर्द कभी कभी अंगड़ाई लेता है


उस दर्द का इलाज़ कर देना तुम आकर

प्यार तुम्हारा सहेज कर रखा है मैंने             

बचाने नज़र से दुनिया की

इल्तज़ा है तुमसे


हिफाजत कर लेना उस प्यार की तुम आकर

तुम्हारी फिक्र,तुम्हारा एहसास और 

मेरे लिए तुम्हारा मौजूद होना ही काफी है

सदा के लिए अपना बना लेना तुम आकर।।


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