कुछ
कुछ
कुछ शब्द साथ चलते हैं
कुछ भाव साथ चलते हैं
जब जिक्र होता है मोहब्बत का
कुछ दर्द साथ चल देते हैं
कुछ आंसू हुजूम में चलते हैं
सिसकियां भीतर दबी रहती हैं
जब जिक्र होता है वादों का
कुछ शिकवे साथ चल देते हैं
कुछ समंदर साथ चलते हैं
कुछ कश्तियां साथ चलती है
जब जिक्र होता है जज्बातों का
कुछ सवाल साथ चल देते हैं।।
