ज़माने की इस समझदारी ने है बचपन हमसे छीना, मिले अगर मौका कौन न चाहे अपना बचपन जीना। ज़माने की इस समझदारी ने है बचपन हमसे छीना, मिले अगर मौका कौन न चाहे अपना बचपन...
कागज़ की कुछ कश्तियां अब इठला के बह चली दिलों की शरारती मस्तियां अब इतरा के कह चली की... आसमां की ... कागज़ की कुछ कश्तियां अब इठला के बह चली दिलों की शरारती मस्तियां अब इतरा के कह ...