मायका
मायका
लौटते वक्त मायके से नयन भर जाते हैं
पापा के चेहरे पे उदासी की लकीरें देख
तन तो आगे बढ़ जाता है पर मन उनकी
चिंताओं से घिर कर वहीं छूट सा जाता है
वापस आकर सोचती हूं समय तो यूं ही
गुजर गया कि कुछ ठीक से बात न हो पाई
कितना कुछ कहने सुनने को बाकी रह गया
दो पल सुकून से बैठ भी न पाए थे साथ
कि चलने की बात होने लगी, दुबारा कब
आना होगा की चर्चा होने लगी,फिर से
इंतजार मम्मी पापा के हिस्से में आ गया
हम भी लौट गए यही उम्मीद दिल में लिए
जल्द ही आने का कोई बहाना हमको मिल जाय।।