STORYMIRROR

Rakhi Tandon

Tragedy

4  

Rakhi Tandon

Tragedy

मायका

मायका

1 min
408

लौटते वक्त मायके से नयन भर जाते हैं

पापा के चेहरे पे उदासी की लकीरें देख

तन तो आगे बढ़ जाता है पर मन उनकी

चिंताओं से घिर कर वहीं छूट सा जाता है

वापस आकर सोचती हूं समय तो यूं ही

गुजर गया कि कुछ ठीक से बात न हो पाई

कितना कुछ कहने सुनने को बाकी रह गया

दो पल सुकून से बैठ भी न पाए थे साथ

कि चलने की बात होने लगी, दुबारा कब

आना होगा की चर्चा होने लगी,फिर से

इंतजार मम्मी पापा के हिस्से में आ गया

हम भी लौट गए यही उम्मीद दिल में लिए

जल्द ही आने का कोई बहाना हमको मिल जाय।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy