पहला प्यार
पहला प्यार
कॉलेज के वो दिन
एक हम और एक तुम ,
पहले प्यार की वो गहराइयाँ
दस्तक न देती थी तन्हाईयॉ ,
हर जगह दिखते तुम ही तुम
पावन प्यार की वो अठखेलियाँ ,
जात -पात ,न बंधन की बेड़ियाँ ।
निश्चल हम ,निःस्वार्थ तुम
एक क्षण दूरी न बर्दाश्त थी,
भले ही डॉट सबकी खाई थी
मौन रहकर भी बहुत कुछ कह देते ,
साथ -साथ वो पल ऐसे ही निकल लेते ,
न सोचते हम न तुम
मंज़िल का क्या मुक़ाम था
वह तो अलग संसार था ,
एक मधुर अहसास ,
जीने की आस,
वह तो, मेरा पहला प्यार था॥