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Sheetal Jain

Classics

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Sheetal Jain

Classics

चित्रण

चित्रण

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कलाकार होता है सहज,काम करता जब वो विशेष 

हो जाता इतना मग्न 

नहीं ध्यान रहता आस पास का संसार ।

 

वह और उसकी कला

आपस में बातें करते है 

नई पहचान बनाते हैं

साधन अपने आप जुट जाते हैं ।


अंतर्मन की छवि वह उतारता

कला को देता नया आयाम 

कैनवास पर उतरता जो चित्र 

मिलता उत्कृष्ट कृति का ख़िताब ।

 

दर्शा रहा चित्र, कलाकार की छवि 

दिखा रहा जो उसका व्यक्तित्व

चित्रित कर रहा कुछ ऐसा

नहीं बनेगा दूसर

ा वैसा।

 

मुग़ल काल में हुए यह प्रसिद्ध चित्रकार

लाए जो मुगल शैली में बदलाव

किया दो शैलियों व संस्कृति का मिश्रण 

सराहा गया जिसे विश्व स्तर पर।


नाम मिला उसे कंपनी शैली

चित्र बनाए तैल चित्रण की तकनीक पर

किया यथार्थ का अंकन 

छाया प्रकाश से हुआ वास्तविकता का चित्रण।


जन जन तक जब यह पहुँची

मिला इसे एक नया मुक़ाम

विविध विषयों पर रोशनी डाली

भारतीय परिवेश जन जीवन की झलक मिली सारी

आधुनिक चित्रकला की नींव है डाली॥


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