मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिटका रही छवि ! कल्पना... मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिट...
दिल तुझे दिया था कभी उसी दिल के लिये वही तेरी याद अपने दिल से लगाये बैठी हूं दिल तुझे दिया था कभी उसी दिल के लिये वही तेरी याद अपने दिल से लगाये बैठी हूं
तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने। तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने।
पूरव सै लेकर पश्चिम तक और दक्षिण से पूरे उत्तर तक। पूरव सै लेकर पश्चिम तक और दक्षिण से पूरे उत्तर तक।
मैं अर्धरात्रि का एक प्रतिबिंब हूं मैं टुकड़ों में ख़ुद को ढूँढता एक छवि हूं।। मैं अर्धरात्रि का एक प्रतिबिंब हूं मैं टुकड़ों में ख़ुद को ढूँढता एक छवि ...
अंजान समझकर ही चेहरे पर मुस्कान रख लेना। अंजान समझकर ही चेहरे पर मुस्कान रख लेना।