तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने। तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने।
आपका होना चाहता हूँ, आपके ना होने से महफ़िलो में भी खुद को तन्हा पाता हूँ, आपका होना चाहता हूँ, आपके ना होने से महफ़िलो में भी खुद को तन्...
जो हम साथ लेकर तो नहीं आते; लेकिन साथ लेकर अवश्य जाते हैं। जो हम साथ लेकर तो नहीं आते; लेकिन साथ लेकर अवश्य जाते हैं।
इस तरह आते रहे जीवन में उतार-चढ़ाव। इस तरह आते रहे जीवन में उतार-चढ़ाव।
कुछ-कुछ यादें ताज़ा हैं अभी, कुछ खो गई समय की गर्त में। कुछ-कुछ यादें ताज़ा हैं अभी, कुछ खो गई समय की गर्त में।
पर मेरी जागती रातों का तुझे पता है माँ। पर मेरी जागती रातों का तुझे पता है माँ।