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Kavi Dilip Kushwah

Drama

5.0  

Kavi Dilip Kushwah

Drama

उतार-चढ़ाव

उतार-चढ़ाव

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जीने की आपाधापी जीवन की भाग दौड़

मंजिलों का लालच जीतने की रही होड़।


हजारों सपने पाले हमने अपनी आंखों में

करोड़ों की सांसे गिरवी रखी लाखों में।


दुखों का पहाड़ देखा खुशियों से रहा लगाव

इस तरह आते रहे जीवन में उतार-चढ़ाव।


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