क्योंकि ज़िन्दगी है एक जादू खुद ही में, नहीं है ये कोई चीज़ आम। क्योंकि ज़िन्दगी है एक जादू खुद ही में, नहीं है ये कोई चीज़ आम।
सरकार में आते ही जन को पुनः कठपुतली बनाते। सरकार में आते ही जन को पुनः कठपुतली बनाते।
हँसी की बातें बन जाती, बुढ़ापे की सनक कहाती। हँसी की बातें बन जाती, बुढ़ापे की सनक कहाती।
तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने। तुम्हारी गढ़ी छवि को अपने व्यक्तिव में, समाहित करने, अंतत: विदा होने।
जब भी हो मुझे कोई तकलीफ़, बन जाते है जैसे, एक मज़बूत दीवार! जब भी हो मुझे कोई तकलीफ़, बन जाते है जैसे, एक मज़बूत दीवार!
तन्हा मेरे कदम अब उठते नहीं , साथ तुम मेरे अब चले चलो ; नींद भी मुझे अब आ रही है , तन्हा मेरे कदम अब उठते नहीं , साथ तुम मेरे अब चले चलो ; नींद भी मुझे अब ...