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Er. Pashupati Nath Prasad

Drama

5.0  

Er. Pashupati Nath Prasad

Drama

बुढ़ापे की सनक

बुढ़ापे की सनक

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अगर बुढापा किसी को आये,

मन में काम की इच्छा लाये,

इस हेतु वह ब्याह रचाये,

निश्चित उसकी सनक कहाये।


यह बात है बहुत पुरानी,

अकबर - बीरबल की है कहानी,

किस उम्र तक शादी उत्तम,

बीरबल! तेरा क्या है उत्तर ?


बीरबल का उत्तर -

आठरह, बीस, पच्चीस तक,

ब्याह उचित श्रीमान !

तीस, पैतीस, पैतालीस तक,

अंतिम सीमा जान,

इसके बाद गर मन ललचाये,

खुशी नहीं,कालिख लगाये।


एक बूढ़ा था छैल छबीला,

तन व मन से था रंगीला,

ब्याह की मन में उठी चाह,

एक षोडशी को लाया ब्याह,


षोडशी जलती हुयी आग,

बूढ़ा बुझती हुयी राख,

सभी धन उसका लेकर,

चली गयी पूर्वप्रेमी घर,


सह न सका वह प्रेम आघात,

मौत से किस्सा हुआ समाप्त,

बुढापे की सनक अनेक,

उनमें शादी करना एक,


बुढापे में करे न शादी,

यह शादी लाती बर्बादी,

हँसी की बातें बन जाती,

बुढ़ापे की सनक कहाती।


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