बुढ़ापे की सनक
बुढ़ापे की सनक
अगर बुढापा किसी को आये,
मन में काम की इच्छा लाये,
इस हेतु वह ब्याह रचाये,
निश्चित उसकी सनक कहाये।
यह बात है बहुत पुरानी,
अकबर - बीरबल की है कहानी,
किस उम्र तक शादी उत्तम,
बीरबल! तेरा क्या है उत्तर ?
बीरबल का उत्तर -
आठरह, बीस, पच्चीस तक,
ब्याह उचित श्रीमान !
तीस, पैतीस, पैतालीस तक,
अंतिम सीमा जान,
इसके बाद गर मन ललचाये,
खुशी नहीं,कालिख लगाये।
एक बूढ़ा था छैल छबीला,
तन व मन से था रंगीला,
ब्याह की मन में उठी चाह,
एक षोडशी को लाया ब्याह,
षोडशी जलती हुयी आग,
बूढ़ा बुझती हुयी राख,
सभी धन उसका लेकर,
चली गयी पूर्वप्रेमी घर,
सह न सका वह प्रेम आघात,
मौत से किस्सा हुआ समाप्त,
बुढापे की सनक अनेक,
उनमें शादी करना एक,
बुढापे में करे न शादी,
यह शादी लाती बर्बादी,
हँसी की बातें बन जाती,
बुढ़ापे की सनक कहाती।