STORYMIRROR

Bhawna Kukreti

Romance fantasy

5.0  

Bhawna Kukreti

Romance fantasy

हमारा प्रेम

हमारा प्रेम

1 min
276


तुम्हें पता है 

हमारा प्रेम इतना 

अस्त व्यस्त क्यूँ रहता है ? 

मुझे लगता है

तुम मुझसे नहीं 

मेरी छवि से प्रेम करते हो


जो तुमने अपने मन

अनुसार, गढी है।

मैंने पाया है

जब जब मेरा व्यक्तिव

प्रभावी होता है,

तुम असहज हो जाते हो।


इसलिये कहती हूँ

प्रेम नहीं ये 

सिर्फ लगाव है,

लगाव जो तब तक रहता है 

जब तक उसमे 

मन को लुभाने की क्षमता है।


तुम बता देना

जब मेरी 

छवि की क्षमता 

समाप्त लगने लगे तुम्हें,

मैं आऊंगी,


तुम्हारी गढ़ी छवि को

अपने व्यक्तिव में,

समाहित करने,

अंतत: विदा होने।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance