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Rameswari Mishra

Romance

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Rameswari Mishra

Romance

आपकी खामोशी

आपकी खामोशी

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जो तुम्हें कहना चाहिये था,

तुम्हारी खामोशियों ने बयान की है हमेशा...

सच सच बताओ इन्हें रिश्वत में क्या देते हो ?!


कितनी ग़लतियाँ हो गये उस से,

तुमसे नाराज होना,

तुम्हें इतने सारे कशमकश में डालना...

खुद को सही साबित कर रही थी वो पागल या 

इश्क को झूठ वो भी पता नहीं ।।


खैर तुम्हारे खामोशियों ने मनाही लिया उसे,

अब आगे ये कहानी जो भी मोड़ ले,

अब वो आपसे नाराज नहीं हो पाएगी ।।


पर साथ भी नहीं चल सकते हैं...

है ना ...


सच पूछो तो उसे आपसे,

पूछना यही था,

कहीं वो कुछ गलत तो नहीं कर रही है...

और देखो एक सही बात ढंग से पूछ भी नहीं सकी ।।


कब उसने खुद के लिये,

आप से ज्यादा कुछ चाहा था,

पर बिन आपके उसे कुछ तो करना ही था...

और आप ने कभी जताया भी नहीं,

आप भी उसकी इंतजार कर रहे थे...

उसे थोड़े ही न सपना आता कसम से...


हाँ उसके गुस्से का मुद्दा ही तो यही था न, आपकी ख़ामोशी ... !!!

हर बार ख़ामोश क्यूँ रहे ।।

पर शायद अब हर सवाल की ज़वाब भी उसे पता है ।।


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