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Sushma Tiwari

Romance

4  

Sushma Tiwari

Romance

हम तुम

हम तुम

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तुम.. 


मुझे यकीन था 

वो जो भी था हमारे बीच 

वो हमेशा के लिए था

हमारे बीच कोई डोर नहीं थी?

क्या कोई वादा नहीं था ?

हमारी रूह और दिल 

जाने किस जंग की धुन्ध में खो गए 

जो नेह और रूमानियत थी

क्या बस एक बुरा सपना था? 

या जैसे कोई घना अंधेरा

यह ख्याल ही अंदर से तोड़ देता है कि 

तुम्हें अलविदा कहना पड़ा 


तुम.. 


मैं कभी किसी से भी इतना 

प्यार नहीं कर सकती थी 

जैसे मैंने तुमसे प्यार किया

तुम और मैं, 

समय की धारा में 

जो राह तय किया 

सच! मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया 

लेकिन शायद हमारा प्यार 

सिर्फ एक मृगतृष्णा थी 

यह हर पल सताता है मुझे 

एक बुरे ख्वाब की तरह 

हाँ सच! उस राह में 

केवल अंधेरा ही था

हाँ मुझे तो ना मिली 

काश कि तुम्हें मिल जाए 

तुम्हारी खुशियां ।



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