STORYMIRROR

Sushma Tiwari

Inspirational

4  

Sushma Tiwari

Inspirational

मेरा आजाद वतन?

मेरा आजाद वतन?

1 min
155


बड़ी बड़ी लंबी लड़ाईयों

बड़ी-बड़ी कुर्बानियों के बाद


देखा था पूर्वजों ने जिसका सपना 

वह आज़ादी मिल ही गई -2

आज़ादी भला कहां होती है पुरानी?

वह तो हर पल लगती है नई 


पर सोचने वाली बात है कि 

उस राह पर कहीं हम भटक तो नहीं गए

और 73 साल पहले वहीं उस पल में

कहीं अटक तो नहीं गए

वैसे भी बड़ी मोहक और लुभावनी भी है आज़ादी -2

जिसे हर कोई चाहता है

आज देखो ना कोई अपने से 

तो कोई अपनों से आज़ाद होना चाहता है 


हां हो गए हम आज़ाद पर

ये आज़ादी कुछ आंखों में खटक सी गई

आज़ादी मिलते ही 

सांप्रदायिक दंगों की तलवार

सर पर लटक ही गई 


झुलसती हुई आज़ादी मिली 

पर आंखों में सपने भी है -2

हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और

धर्मनिरपेक्ष देश 

हां के सारे लोग हमारे अपने ही हैं


हम गरीबी से लड़े 

हम अशिक्षा से लड़े 

सामरिक रूप से खुद को मजबूत कर 

हम पड़ोसियों से भी लड़े 


पर! इन कामयाबीयों के बीच में 

अभी कुछ पाना बाकी भी है-2

कन्या को देवी मानने वाले देश में 

औरत को सम्मान दिलाना बाकी ही है

जनसंख्या पर नियंत्रण, भ्रष्टाचार से छूट 

वहीं धर्म प्रांत और 

जात-पात का भेद मिटाना अभी बाकी ही है


हां भूलना मत 

आज़ादी पाना आसान नहीं था 

आज़ादी पाना आसान नहीं है 

और आज़ादी पाना फिर आसान नहीं होगा 


मुश्किलों से मिली हुई आज़ादी 

इससे मुश्किल है उसे बचाए रखना-2 

आगे राह में आएँगी और कई मुश्किलें 

मगर हर कीमत पर 

देश का ताज उसके सर पर सजाए रखना-2



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational