Sushma Tiwari

Abstract

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Sushma Tiwari

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उड़ते है स्वच्छंद

उड़ते है स्वच्छंद

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जीवन में है द्वंद

फ़िर भी सब नाच रहे 

उड़ते हैं स्वच्छंद


कोशिश और करेंगे चंद

परिणाम से कौन डरे 

जीवन में है द्वंद


खोज रहे आनंद 

बाँध सके कोई क्या इन्हे

उड़ते हैं स्वच्छंद


पूछो क्या है उन्हें पसंद

जीते जी क्यूँ मरे

जीवन में है द्वंद


अंदर है जो, वो है दौलतमंद

कुछ खो कर सब निकल पड़े

उड़ते हैं स्वच्छंद


अब सासें है एहसानमंद

खुल कर जीने हैं चले 

जीवन में है द्वंद

उड़ते हैं स्वच्छंद!



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