जीवन में है द्वंद फ़िर भी सब नाच रहे उड़ते हैं स्वच्छंद! जीवन में है द्वंद फ़िर भी सब नाच रहे उड़ते हैं स्वच्छंद!
कविता हो कविता की ही तरह बनो-ठनो मत उलझो लेखों के तर्को में ! कविता हो कविता की ही तरह बनो-ठनो मत उलझो लेखों के तर्को में !
उसके कोमल जज़्बात पर सुनो सजग रहना ! उसके कोमल जज़्बात पर सुनो सजग रहना !
मृग- मरीचिका सी यह स्वतंत्रता , आजाद ,स्वच्छंद हो जाएगी ? मृग- मरीचिका सी यह स्वतंत्रता , आजाद ,स्वच्छंद हो जाएगी ?