तुम
तुम
कहीं वही तो नहीं,
जिसे दिल हर जगह ढूँढे ।।
कितनी अजीब है ना,
जाने बिना ही ये तुमको चुने ।।
गहराई में नींद के,
साया सा तुम गुजरे थे ।।
या ख्यालों की इत्र से,
कहानी बन के बिखरे थे ।।
याद नहीं कहाँ पहली दफा,
तुमसे मिले थे ।।
पर हर दफा जब भी सोच से गुजरे,
लगा हमारे रंगो में तुम भी घुले थे ।।

