प्रेम
प्रेम
खोये हैं,
एक दूजे में इस कदर के,
अब जमाना कहाँ नजर आता है ।।
सुना है,
आईना भी आज कल धोखा खा रहा है...
इन्हें चेहरा उनका,
उन्हें इनका दिखाया करता है ।।
नाम अब लबों पर कोई और,
आने की जुर्रत नहीं करते हैं ।।
कुछ भी पूछो...कहो...इनसे,
बस नाम मुहब्बत की ये सुनते हैं ।।

