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Prem Bajaj

Romance

4  

Prem Bajaj

Romance

वो पहली मुलाकात

वो पहली मुलाकात

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वो मेरी-तुम्हारी पहली मुलाकात

याद है मुझे सावन की वो बरसात 

मेरा शरमा के नज़रें झुकाना 

तुम्हारा बेबाकी से मेरा हाथ पकड़ना 


पहली ही मुलाकात में भा गए तुम 

ना जाने कब चुपके से दिल में समा गए तुम 

आंखों ही आंखों में बातें करना और 

घबराकर हाथ छुड़ाना कहीं कोई देख ना


हमें ये बात तुम पर ज़ाहिर करना 

यही तो मोहब्बत है तुम्हारा मुझे ये समझाना

हां मुझे आज भी याद है।


वो हमारा रिमझिम बारिश में भीगना

चार कदम संग चलना 

मेरे दिल का ज़ोरो से धड़कना

हर धड़कन में तुम्हारा नाम पुकारना 

तब मेरा भी इज़हारे -मोहब्बत करना 

याद है मुझे वो पहली मुलाकात।


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