क्या ये मोहब्बत है
क्या ये मोहब्बत है
क्या ये प्यार होता है, ये तेरा छूना मुझे, मेरा रोम-रोम सिहर जाना इस तरह,
तेरा शरारत से देखना मुझे, मेरा शरमा के पलकें झुकाना।
ना छुओ मुझे इस तरह हाथ से मिला कर हाथ का दिल बनाओ ना,
रहना है दिल में हमें एक- दूजे के ग़र तो करीब आओ ना।
आओ करीब मेरे तुम्हें प्यार की भाषा सिखला दूं,
प्यार की आग में जलना सिखा दूं, प्यार में तड़पना सिखा दूं।
क्यों तड़पा करता है मजनूँ लैला के लिए,
क्यों बिरहा की आग में लैला सुलगती रहती है।
आओ तुम्हें ये कहानी बता दूं ।
क्यों बादल के गरजने पर बिजली चमकती है,
क्यों चांद के साथ चांदनी अठखेलियां करती है,
क्यों नदिया सागर में मिलने को मचलती है।
क्यों भंवरा शब
- भर कली में बंद रहता है,
क्यों परवाना शमा के गिर्द मंडराता है,
क्यों धरती प्यासी होने पर मेघ बरसता है,
क्यों चकोर चांद के लिए तरसता है।
आओ बता दूं तुम्हें, प्यार कैसा होता है, बस जाए जब आंखों में कोई,
बन जाए दिल की धड़कन , प्यार ऐसा होता है।
हां यही प्यार होता है , यही प्यार होता है।
जब बिताए बीते नहीं दिन, शब-भर तड़पे बिरहन दिलदार बिन,
यार की सूरत देखे बिना ना बीते पल-छिन यही प्यार होता है,
हां यही प्यार होता है।
हम पास होकर भी दूर है, जो होकर दूर भी पास हो,
हर पल नज़दीकियों का एहसास हो, दिलदार से बढ़कर ना कोई खास हो,
यही प्यार होता है, हां यही प्यार होता है ।