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Dr pratap Mohan Bhartiya Bhartiya

Abstract Romance Others

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Dr pratap Mohan Bhartiya Bhartiya

Abstract Romance Others

तुम मिलना मुझे

तुम मिलना मुझे

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दिल को आ रही

है याद तेरी

तुम मिलना मुझे

तुम्हारे बिना सारे

अरमान मेरे बुझे

    

जब तुम मिलती हो

दिल खुश हो जाता है

तुम्हारे साथ होने

पर वक़्त का पता

ही नहीं चल पाता है

     

दूर क्यों रहती हो

मेरे दिल में ही रहो

तुम मुझसे हमेशा

मिली रहो

    

आज तुम मिलोगी

तो भविष्य के

सपने बुनेंगे

कुछ मैं कहूंगा

कुछ तुम्हारी सुनेंगे

    

प्यार में मुलाकात

जरुरी है।

इसके बिना प्यार

की कहानी

अधूरी है

    

नहीं मिलती रोज

मुझे तुम जब तक

तुम्हारे ख्वाबो में खोया

रहता हूं तब तक

     

रोज रोज मिलना

अच्छी बात नहीं

इसका हल निकालो

मुझे अपना बना लो।


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