चाहत
चाहत
एक तू ही है इस दिल की चाहत,
मेरी हमदम मेरी इबादत
इस दिल की बस एक तू ही ख्वाहिश
उस रब से बस एक गुज़ारिश।
हर एक पल में हर धड़कन में
एक तू ही हो मुझे उसकी नवाज़िश।
एक दिन भी ना हो तेरे बिना अब,
बिन तेरे जिंद हो तो बस मौत गुजारिश।
ख्वाबों में भी मैं सोंचू तुझको
करता है दिल बस ये ही साजिश।
परवाह नहीं है मुझे इस दुनिया की,
मेरी दुनिया में है बस एक तू ही काबिज़।
मेरे अल्फ़ाज़ों पर तेरे एहसासों की,
हो जाने दें तू अब वो बारिश।
होगा मुकम्मल ये इश्क़ मेरा जब
मेरे लब पर हों तेरे आतिश।
हर धड़कन की अब हर पल में,
उस रब से बस ये ही ख्वाहिश,
बस एक तू ही हो मुझे उस की नवाज़िश।

