STORYMIRROR

Dr Priyank Prakhar

Abstract

4  

Dr Priyank Prakhar

Abstract

सच्ची आजादी

सच्ची आजादी

1 min
367

आओ हर घर में तिरंगा फहराएं, 

नील गगन में सबसे ऊंचा लहराएं,

मिल करके नया इतिहास बनाएं,

आजादी का स्वर्णिम पर्व मनाएं।


देखो घर एक ना कोई छूट जाए,

जिस छत पर तिरंगा ना लहराए,

आओ उस घर तक हाथ बढ़ाएं,

सब तिरंगे के रंग में मिल जाएं।


कड़ी-कड़ी कर जंजीर जुड़ जाए,

हो एकता तो पर्वत भी मुड़ जाए,

छोड़ ऊंच-नीच हम एक हो जाएं,

सच्ची आजादी का झंडा लहराएं।


मिलकर कदम-कदम बढ़ते जाएं,

हर एक वो ऊंचाई हम चढ़ते जाएं,

आओ देश को विजयी विश्व बनाएं,

सच्ची आजादी का वो शंख बजाएं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract