मेरी जादू की पुड़िया
मेरी जादू की पुड़िया
ओ ! मेरी जादू की पुड़िया,
मेरी नन्ही सी गुड़िया,
खेलते- कूदते,
नाचते - नाचते,
नखरों और किलकारियों से,
घर को जगमगाते,
बड़ी हो रही है तू,
देख रही मैं ठिठक कर,
जीवन के सफर में
हर पल कहाँ खड़ी हो रही है- तू
मेरी जादू की पुड़िया
मेरी नन्ही सी गुड़िया,
बड़ी हो रही है, तू।