प्यार की दास्तान
प्यार की दास्तान
एक अच्छी बेटी का अपने प्रेमी को जवाब.......
हां ये सच है कि मुझे तुमसे मोहब्बत हैं,
ये भी सच हैं कि मैं तुम्हारी चाहत हूँ ......
पर मेरी जिंदगी में चाहतों की कमी तो नहीं हैं,
रिश्ते और भी हैं एक तुम्ही तो नहीं हों.....
अपनी जात के इस पहलू से आज मिलवाती हूँ,
मैं क्या हूँ कैसे बतलाऊं तुम्हें..??
अपनी माँ की तबीयत हूँ
मैं इज्जत हूँ अपने पापा की...
मान हूँ अपने भाई का,
निशान हूँ अपनी बहिनों की परछाई का...
तो बहक जाऊं मैं ये कभी मुमकिन ही नहीं....
की दिल तो सब रखते हैं,
एक तुम्ही तो नहीं....
