दुश्मन को मज़ा चखाएंगे हम कसम है भारत माता की। दुश्मन को मज़ा चखाएंगे हम कसम है भारत माता की।
ये बात उनको इस कलयुग में समझाना मुश्किल है। ये बात उनको इस कलयुग में समझाना मुश्किल है।
विभिन्न संस्कृतियों का है जो संगम क्यों न फिर इसमे हम डूबकी लगाएं। विभिन्न संस्कृतियों का है जो संगम क्यों न फिर इसमे हम डूबकी लगाएं।
थोड़ा अपने लिये और अपनी खुशियों को भी ले कर चलो। थोड़ा अपने लिये और अपनी खुशियों को भी ले कर चलो।
बूढाते पेड़ के कोठर में हरियल कौंपल फिर मुस्कुराना चाहती है। बूढाते पेड़ के कोठर में हरियल कौंपल फिर मुस्कुराना चाहती है।
विचारों के आदान प्रदान की दिलचस्प प्रणाली अंजाम बुरा हो गया है। विचारों के आदान प्रदान की दिलचस्प प्रणाली अंजाम बुरा हो गया है।