कलयुग का है दौर ये
कलयुग का है दौर ये
वो भी एक दौर था जब लोग अपनो की इज़्ज़त मान करते थे
अब तो है दौर कलयुग का सच्चे लोगो की कद्र नहीं
झूठ का हर और है बोल बाला सच को हर पल दबाते है
अपने ही अपनो की पीठ में ख़ंजर घोंपते है
सीधे सादे लोगो की कद्र नहीं करता कोई अब
फरेबी लोगो को लोग हर और पूजते है
जो डर जाता है इस बेरहम जहान में उसको और डराते है
इस लिए हो जाओ मजबूत इतने और इस डर को मार डालो
स्वार्थी लोगो के इस जहां में हर पल अपनी आंखें खुली रखो
कोई अपना ही ना लूट ले जाये तेरी दौलत इज़्ज़त मान ये ध्यान रखो
अच्छाई की होती है जीत हमेशा ये सब कहते है
पर ये कलयुग है भैया अच्छाई का खून सबसे पहले होता है
बुराई करने वालो का होता नहीं कभी भला है
ये बात उनको इस कलयुग में समझाना मुश्किल है।
