वक्त बेवक्त स्मृति बनकर प्रकट हो जाते हैं पापा के रूप में। वक्त बेवक्त स्मृति बनकर प्रकट हो जाते हैं पापा के रूप में।
विचारों के आदान प्रदान की दिलचस्प प्रणाली अंजाम बुरा हो गया है। विचारों के आदान प्रदान की दिलचस्प प्रणाली अंजाम बुरा हो गया है।
लिखा था खत मैंने इंसानियत के पते पर, वो डाकिया ही मर गया पता खोजते - खोजते। लिखा था खत मैंने इंसानियत के पते पर, वो डाकिया ही मर गया पता खोजते - खोजते।
इस ख़त से वापिस गयी है मेरी दुनिया महकी इस ख़त से वापिस गयी है मेरी दुनिया महकी
शहर में रहते हुए भी, मन ही मन में एक गाँव को जिया करते थे ! शहर में रहते हुए भी, मन ही मन में एक गाँव को जिया करते थे !
डाकिए ने थाप दी हौले से आज दरवाजे पर मेरे कि तुम्हारा ख़त मिला. डाकिए ने थाप दी हौले से आज दरवाजे पर मेरे कि तुम्हारा ख़त मिला.