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नविता यादव

Abstract

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नविता यादव

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प्यार के अंदाज

प्यार के अंदाज

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हर किसी के प्यार की अपनी परिभाषा

हर किसी की अपनी आरजू

हर किसी की अपनी अभिलाषा

हर किसी के प्यार की अपनी परिभाषा।


माता- पिता का प्यार

पाक, पावन हर दुख को हर ने वाला

ना छल, ना कपट और ना

उसमें कोई विचारधारा

पल-पल हर दिन हर वर्ष सिर्फ़

औलाद का भला चाहने वाला

दुनियाँ का सबसे निराला

बिना मोल भाव वाला।


भाई -बहन का प्यार

बचपन से एक साथ

लड़ना- झगड़ना, एक- दुसरे

को मारना-पिटना

एक दूसरे की चीजें चुरा कर खाना

एक दूसरे को जी भर चिड़ाना

कोई दूसरा बीच में आये तो,

फट से एक हो जाना

कभी न भूलने वाला,


और अकेले में यादों को याद कर

लबों पर मुस्कुराहट बिखेरने वाला,

जिसका एहसास दोनों को तब होता है

जब बहन विदा होती है

और भाई अपने घर होता हैं।


प्रेमी- प्रेमिका का प्यार, ओह ओह

जब चढ़ता है परवान

दिन में तारें दिखा देता है,

हीरों के महल खड़ा कर देता है

विश्व भर की सैर करा देता हैं

सारी दुनियाँ भुला देता है

और कभी कभी तो मानो जनाब

मैं कौन तुम कौन कर

दुनिया ही पलट देता हैं।


पति- पत्नी का प्यार

कसमे वादे एक दुसरे के प्रति पूर्णतः समर्पण

एक दूसरें की खुशी के लिये हर पल तैयार

जब एक दुसरे से मन मुटाव हो तो

कुत्ते- बिल्ली की तरह लड़ना भी यार

आँखों- आँखों में एक दुसरे का इन्तजार

और जब मिले तो मुहँ मीट्का के चल देना,


कुछ समय बाद हल्के से मुस्कुराना

और झट से गले लग जाना।।

थोडे समय बाद फिर से लड़ लेना

दुनिया में सबसे अनोखा रिश्ता।


आखिरी में सबसे प्यारा प्यार

अपना अपनेआप से,

ये जाना मैने ये माना मैनें

जब प्यार खुद से होता है

अपना रूप अपना हुनर निखरता हैं

अपनी पहचान बनती है

एक नयी जिन्दगी शुरु होती है।

सबको साथ लेते हुए,

हम भी अलग निखर रहें होते है यार।


प्यार सबसे करो पर अपनेआप को न भूलो

इज्जत सबको दो पर अपनी

इज्जत को भी बना के रखो।

जिंदगी तभी ही बेहतर है जब

थोड़ा अपने लिये और अपनी

खुशियों को भी ले कर चलो।


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