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नविता यादव

Romance

4.2  

नविता यादव

Romance

शशिबाला

शशिबाला

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कमलनयन कंचन काया

काली जुल्फें सुंदर शशिबाला 

मृगनयनी मृग तृष्णा मृग चंचला

मेरे जीवन की अनुपम कल्पना।


केसर तिलक चमकाये

पुलकित मन हर्षाए

घनघोर घटा के शोर मध्य

यौवन तेरा मेेघ मल्हार सुनाये।


कुमुदिनी कुसुुम कामेश्वरि

कोकिला कंठ मधुर भाषनी

इतराएं इठलाएं बलखाएं

ओढ चुनरी नज़रें झुकाए।


उजली धूप दुधिया रुप लिए

चंद्रमा की भांंति दमके प्र्रिये

मंदाकिनी नयन अश्रुधारा लिए

निहारें राह दीदार को तेरे।


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