वो सूखा गुलाब
वो सूखा गुलाब
आज फिर तेरी याद ताजा कर बैठा,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
जीवन में खुशबू बिखेर देता आज भी,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
कसक इन यादों की पनपा जाता है,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
तेरे होने का एहसास करा जाता है,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
प्रथम पलों का बागवान सजा देता,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
कुछ भी हो मुझमें श्रृंगार भर जाता,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब;
बरसों से मैंने तेरे प्रेम सा सहेजा है,
मेरी किताब में दबा वो सूखा गुलाब।
