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सुरशक्ति गुप्ता

Abstract

4  

सुरशक्ति गुप्ता

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तस्वीरें

तस्वीरें

1 min
201


कभी-कभी तस्वीरें कुछ लिखने का बहाना बन जाती हैं

हंसती खेलती हुई,

गम के भावों में डूबी हुई, 

प्रेम समर्पण वाली,

विभिन्न आदर्शों से लैस 

मात-पिता वंदन वाली 

शांत, हास्य ,भय और वैभव समृद्धि लिए हुए 

कभी भी कोई हमारी आन्तरिक अनुभूति तक में 

यूं रच बस जाती है 

मानो वही हमारा स्रोत हो 

धुंधली सी स्मृति और निखरती प्रतिभा का सहारा 

कभी-कभी तस्वीरें हम अपनों से मिलने का बहाना बन जाती हैं

जीती जागती रूह में नया संचार करती

एक नई स्फूर्ति के साथ 

कभी शब्दों से या बिना कहे

हर अनकहे भाव को कह जाती हैं 

कभी-कभी तस्वीरें बिन कुछ कहे 

बहुत कुछ कह जाती हैं 

रूठती ,मनाती हुई

गिरती ,संभालती हुई 

डाटती, मारती हुई 

फटकारती हुई 

हंसती हंसाती हुई

मन में एक नया एहसास करा जाती हैं 

कभी-कभी तस्वीरें तहे दिल से हम सबको अपना बना जाती हैं।


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