पर न जाने क्यों, यह भी न गँवारा न हुआ हमारे चाहने वालों के साथ। पर न जाने क्यों, यह भी न गँवारा न हुआ हमारे चाहने वालों के साथ।
शुक्रिया, ए गुजरता हुआ साल, ज़िंदगी का एक नया पहलू सिखाने के लिए। शुक्रिया, ए गुजरता हुआ साल, ज़िंदगी का एक नया पहलू सिखाने के लिए।
लौट के बुद्धू घर को आये। लौट के बुद्धू घर को आये।
लोगों की शिकायतों से उनकी तीखी बातों से तंग आकर... घबराकर, क्या छोड़ दूँ लिखना..? लोगों की शिकायतों से उनकी तीखी बातों से तंग आकर... घबराकर, क्या छोड़ दूँ लिखना...
समझाए दुनिया, समझे ना, मेरा कल, हर पल, अगला कल, तू ही तू, तू, तू ही मेरा हल है। समझाए दुनिया, समझे ना, मेरा कल, हर पल, अगला कल, तू ही तू, तू, तू ही मेर...
जब मवाली ही शहरयार हुए । सोचिए क्या निज़ामतें होंगी । जब मवाली ही शहरयार हुए । सोचिए क्या निज़ामतें होंगी ।