जब मवाली ही शहरयार हुए । सोचिए क्या निज़ामतें होंगी । जब मवाली ही शहरयार हुए । सोचिए क्या निज़ामतें होंगी ।
हम करेंगे अपना इन्साफ़ दुश्मन नहीं होंगे माफ़ हम करेंगे अपना इन्साफ़ दुश्मन नहीं होंगे माफ़
कर रहे हैं मानवता को शर्मसार क्या सफाई दें किये जो व्यवहार कर रहे हैं मानवता को शर्मसार क्या सफाई दें किये जो व्यवहार
एक माँ ने बेटी को खोया हृदय विदारक चीख सुन मातृत्व कितना रोया एक माँ ने बेटी को खोया हृदय विदारक चीख सुन मातृत्व कितना रोया
मैंने उनके लिए गुनाह-ए-अज़ीम किया उसने मेरे लिए इबादत भी ना किया मैंने उनके लिए गुनाह-ए-अज़ीम किया उसने मेरे लिए इबादत भी ना किया