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Rajesh Mishra

Tragedy

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Rajesh Mishra

Tragedy

अमानुष (हथिनी हत्या )

अमानुष (हथिनी हत्या )

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हो गया हद से अधिक हिंसक ये मानुष 

जानवर बेहतर हैं, मानव बन बैठा अमानुष 

सच नहीं है बात अब ये, जानवर क्रूर हैं इंसान से 

दूर ही रहना पड़ेगा इस मर्महीन हैवान से 


कर रहे हैं मानवता को शर्मसार 

क्या सफाई दें किये जो व्यवहार 

बोझ हैं ये लोग अब इस धरा पर 

क्या कोई करेगा इनका भी संहार 


क्या यही था दोष इस निरीह का 

कर लिया जो भरोसा इक नीच का 

भूलकर भंडार असीम ताक़तों का 

खा गयी झांसा वो इंसानी रूप का 


पेट भरना था जो उसके पेट में था 

माँ की ममता को नही संदेह था 

आदमी की खाल में वो भेड़िया था 

फल के अंदर तो छुपा विस्फोट था 


क़र्ज़ है इक जानवर( हथिनी) का हम सभी पर 

दे सजा इस जानवर(कातिल) को थोड़ा तो इन्साफ़ कर 

सोचता हूँ कुछ तो असर हो माँ की इस हाय का 

वो जो जन्मा भी नहीं,  हक़दार है कुछ न्याय का 



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