Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मिली साहा

Romance Tragedy

4  

मिली साहा

Romance Tragedy

सन्नाटों से दोस्ती

सन्नाटों से दोस्ती

1 min
273



जिंदगी में एक हमसफ़र मिला 

तो जिंदगी आफताब हो गई

कोई अपना सा मिला 

तो जिंदगी से उम्मीदें बेहिसाब हो गई।


महक उठा था दिल का आंगन 

गुलशन में खिलने लगे थे फूल

खूबसूरत ख्वाबों की एक दुनिया बनाई 

हर ग़म गया था भूल।


पर नसीब का खेल 

वफ़ा की थी जिससे उम्मीद 

वो बेवफाई कर गई

हमने तो की सच्ची मोहब्बत 

फिर क्यों वो इश्क की रुसवाई कर गई।


मुड़कर न देखा एक बार 

जैसे कभी पहचान थी ही नहीं हमारी

मजाक उड़ाया जज्बातों का 

जब आई वफ़ा निभाने की बारी।


दिल पे देकर ज़ख्म का तोहफ़ा 

जीस्त-ए-सफ़र में अकेला छोड़ गई

जिसे माना था हमने अपना खुदा 

वही तन्हाइयों की क़फ़स दे गई।


टूट कर बिखर गया मैं ऐसा 

कि अब किसी पर ऐतबार ना रहा

सन्नाटों से कर ली है दोस्ती 

अब दुनिया से कोई सरोकार ना रहा।


धोखा दिया फिर भी क्यों 

अश्क बहते हैं आज भी उसकी जुदाई में

किस जुर्म की सजा है 

खुद ही अपने जख्मों को कुरेदता हूं 

मैं उसकी बेवफाई में।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance