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Rajesh Mishra

Drama

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Rajesh Mishra

Drama

रैगिंग इन कॉलेज

रैगिंग इन कॉलेज

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जैसे ही मैंने कॉलेज की सीमा में कदम बढ़ाया

एक सीनियर ने मुझे अपने पास बुलाया

सहमा सहमा सा मैं था और था घबराया हुआ

एक काले चश्मे वाले को देख पसीना बहुत आया

मैंने कंपकपाते हाथों को उसकी और बढ़ाया

हाथ तो उसका भी आगे आया पर दिशा थी बदली हुई

एक क्षण के बाद ही पांच उँगलियाँ गाल पे थी छपी हुई

थोड़े देर के लिए मैं सकपका गया

आँखों के सामने अँधेरा छा गया

उसके एक ही थप्पड़ से गणित का पुराना टीचर याद आ गया

या यूँ कहिये गुजरा हुआ ज़माना फिर से याद आ गया


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