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Rajesh Mishra

Abstract

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Rajesh Mishra

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जीना जरूरी है, छोड़ो कोरोना का

जीना जरूरी है, छोड़ो कोरोना का

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जीना जरूरी है

छोड़ो कोरोना का रोना 


छोड़ो कोरोना का रोना 

जिओ जैसे तुमको है जीना 

ये वायरस की बीमारी मज़बूरी है 

मगर फिर भी जीना जरुरी है 


 ये माना के सब हैं घरों में फंसे 

नहीं कोई बंदिश न क्यों हम हँसे 

दिलों में नहीं अब भी कोई दूरी है 

यही याद रखके जीना जरुरी हैं 


चलो बंद हैं ये  दुकाने तो क्या 

बना घर ही ऑफिस ये अनुभव नया 

समन्वय बिठाने की अब छूट पूरी है 

इसे भी बिताने को जीना जरुरी है 


ये भी एक वक़्त है कुछ नया सिखने का 

कहाँ हो गयी चूक खुदसे ये पूछने का 

हुई कौन पूरी रही कौन सी अधूरी है 

इन्ही ख्वाहिशों के लिए जीना जरुरी है  


हाँ ये भी सच है कठिन ये सफर है 

मुश्किलों से भरी घर वापसी की डगर है 

बहुत कुछ है खोया ,पर उम्मीद पूरी है 

नया घर बनाने को जीना जरुरी है 


खबर बेखबर में उलझन बहुत है 

ये दल और दलदल सियासत भी है 

इन दोगलों को झेलने की मज़बूरी है 

इन्हें पर हारने को जीना जरुरी है।


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