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Rajesh Mishra

Others

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Rajesh Mishra

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बुरे फंसे हनुमान

बुरे फंसे हनुमान

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स्वर्ग लोक में रहते रहते बोर हुए हनुमान

मूड बनाया धरती पर करने का प्रस्थान

मात अंजनी से लेकर आशीर्वाद और

वरदान

मृत्यु लोक को चल पड़े पवन पुत्र हनुमान


राम नाम की जाप लगाते पहुंचे मुंबई धाम

कड़ी हो गयी पूंछ देखकर उलटे सीधे काम

चकित हुए तब देखकर फिल्मसिटी के ढंग

देख के अपनी पॉपुलैरिटी रह गए वो तो दंग


जय हनुमान बना रहे थे संजय खान महान

फिल्मालय का चल रहा था जय वीर हनुमान

देख प्रोडूसर लपक पड़ा

क्यों बे अब तक था कहाँ खड़ा

लक्षमण मूर्छित पड़ा हुआ है पीकर

क्लोरोफॉर्म

सेट होने को नहीं आ रही तेरी यूनिफार्म


हनुमान की मति चकराई

बातें कोई समझ न आई

किसी तरह से वहां से निकले

दिल्ली के बाजार में फिसले

हनुमान घूम रहे हैरान

पहुँच गए रामलीला  मैदान 


तभी कहीं से आवाज़ ये आई

जय जय जय हनुमंत गोसाई

बड़ा विकट था दृश्य सामने

हनुमान की पूँछ को

लोग चले थे आग लगाने


जान बचानी मुश्किल हो गयी बुरे

फंसे हनुमान

पास गली का देख नज़ारे भागे कृपा

निधान

रास आई ये धरती उदास

भरी मन से पहुँच गए अंजनी माँ

के पास कहने लगे मात अंजनी

काशी नहीं है वैसी

धरती पर अब हो रही अयोध्या

की ऐसी तैसी


अंतिम अनुभव पूछ न माता

मरना तय था गर भाग न आता

कहने लगी मात अंजनी क्या हुआ

बताओ मेरे लाल

इतने हनुमानों के बीच क्यों न गली

तुम्हारी दाल

क्या बतलाऊँ तुमको माता मुश्किल

से बच पायी जान

एक गली में भीख मांगते देखे

मैंने तीन हनुमान


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