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Nigam Kumar

Tragedy

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Nigam Kumar

Tragedy

लड़कियाँ

लड़कियाँ

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ये लड़की तू सुन

तू लड़का समझ कर पाली गई

नौ महीने माँ के गर्भ में

बची गई तू गर्भपात से

सुरक्षित रही तू गर्भ में

प्रसव हुआ जब तेरा

लक्ष्मी आई है कहा नर्स ने

सबने सर झुका लिया

उदासी छाई भवन में

देख सब का चेहरा माँ ने

तुझे छुपाई अंचल में

मंद मंद मुस्कुराई माँ

खुशियाँ छाई उसके मन में

नई नई दुनिया देखी 

अपनी नन्हीं आँखों से 

नन्ही कदमों से दुनिया नापी

सबको लुभाई अपनी बातों से

अपनी चंचलता से

जगह बनाई सब के दिल में

फिर अपनी जिंदगी शुरू की

पुरुषवादी दुनिया में

लड़की बुरी क्यों लगती हैं 

पूछी सारी दुनिया से

लड़की के बिना 

बहन कहाँ से पाओगे

पत्नी कहाँ से लाओगे

माँ भी तो लड़की है

दादी की स्नेह कहाँ पाओगे

फिर क्यों बुरी लगती लड़कियाँ ? 

हमें जरा बताइये आप !!! 


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