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Mayank Kumar

Tragedy Inspirational

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Mayank Kumar

Tragedy Inspirational

नई जिन्दगी

नई जिन्दगी

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स्कूल आकर हम पढ़ते,

खेलते- कूदते, मस्ती करते।

बाहर जाते, खाना खाते,

नाचते-गाते, हम सो जाते।


सामान्य - सुन्दर थी जिंदगी,

भले हो बहुत गन्दगी।

हो रहा था पर्यावरण पर अत्याचार,

पशु-पक्षी थे लाचार।।


पर नये साल ने खौफ लाया,

कोरोना का कहर जगत में समाया। 

अपना बदला लेने, इस रूप में आया,

घबराकर सरकार ने लौकडाउन लगाया।।


सब खुशियाँ हो गई बर्बाद,

अब इंसान न रहेगा आबाद।

टेक्नोलॉजी ने भी अपना रंग दिखाया,

माताओं से अनेक व्यंजन बनवाया।।


ऑनलाइन पढ़ाई, ऑनलाइन काम,

अब बहुत कर लिया आराम।

चल अब बादलों से दूर एक बस्ती बसाये,

अपनी ही एक नई दुनिया बनाएं।।


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