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Mayank Kumar

Abstract Others Children

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Mayank Kumar

Abstract Others Children

प्यारी माँ, मेरी माँ ।

प्यारी माँ, मेरी माँ ।

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माँ! ओ माँ,

प्यारी माँ, मेरी माँ ।


ममता की प्रतीक तू,

सोम सी हसीन तू ।

त्याग की मूरत खड़ी,

चाँदनी सी रात तू ।।


भोले की दीवानी तू,

गंगा सी प्यारी तू ।

विश्व की महारानी तू,

प्रेम की कहानी तू ।।


माँ! ओ माँ,

प्यारी माँ, मेरी माँ ।


काली तू, कमला तू,

पूर्ण जगत की शोभा तू ।

महेश तू, सुरेश तू,

ऋतुराज की हरियाली तू ।।


अविनाशी-अद्वित्य तू,

लव-कुश की कहानी तू ।

रामचन्द्र सी कृपालु तू,

सीता सी दयालु तू ।।


माँ! ओ माँ,

प्यारी माँ, मेरी माँ ।


मीरा तू, राधा तू,

हर घर की कहानी तू ।

प्रगति तू, प्रकृति तू,

सत्य की निशानी तू ।।


इच्छा तू, वारि तू,

हर किसी की चाहत तू ।

संगीत तू, रजनीश तू,

मेरे मन की अभिलाषा तू ।।


माँ! ओ माँ,

प्यारी माँ, मेरी माँ ।


हाथ जोड़कर मैं खड़ा,

माँगता तुझसे माफ़ी हूँ ।

हुई मुझसे जो भूल-चूक,

देना क्षमा कर दिल बड़ा ।।


आशीर्वाद -स्नेह -प्यार,

देना मुझको सब अपार ।

बस एक तमन्ना और रही,

करूँ सेवा श्रद्धा-निष्ठा से तेरा ।।


माँ! ओ माँ,

प्यारी माँ, मेरी माँ ।।


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