यादें
यादें
बातें याद आती है,
यादें बहुत सताती हैं।
ना जाने मुझे तू क्या क्या सिखा गई,
मेरी जिंदगी में एक नई रहा बना गई।
दुखों का सहारा बन हंसना सिखा गई,
जैसे भी थी मैं मुझे अपना बना गई।
ना जाने तू कब मेरी जिंदगी में आ गई ,
और ना जाने कब तेरी यारी मुझ को भा गई।
रात को दिन और दिन को रात बना गई,
और मुझे अपने आप से मिलवा गई।
खामोशियां तोड़ खिलखिला कर हंसना सिखा गई,
गमों को भूल जिंदगी जीना सिखा गई।
ना जाने जिंदगी कब मुंह मोड़ गई,
ना तू मिली और मेरा साथ छोड़ गई।
बातें याद आती हैं,
यादें बहुत सताती हैं।
